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सिडबी ने मध्य प्रदेश के इंदौर में किया पहले सिडबी एमएसएमई सम्मेलन का उद्घाटन; भारतीय एमएसएमई के लिए देश भर में आयोजित होने वाले 6 सम्मेलनों की श्रृंखला में पहले सम्मेलन की शुरुआत
• सिडबी एमएसएमई सम्मेलन, देश भर के एमएसएमई, नीति-निर्माताओं तथा इकोसिस्टम में सहयोग देने वालों को एकजुट करता है।
• विकास के अवसरों की नई लहर को प्रोत्साहन देने, चुनौतियों से निपटने तथा भारतीय एमएसएमई के सतत विकास हेतु आधार तैयार करने के लिए जानकारी के आदान-प्रदान एवं नेटवर्किंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया गया है।
11 जनवरी, 2024: भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने देश भर में आयोजित किए जाने वाले 6 सम्मेलनों की श्रृंखला के तहत आज मध्य प्रदेश के इंदौर में पहले सिडबी एमएसएमई सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नीति-निर्माताओं, फाइनेंस क्षेत्र के दिग्गजों और एमएसएमई हितधारकों के साथ-साथ भारतीय एमएसएमई इकोसिस्टम से जुड़े गणमान्य वक्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
‘इंदौर सम्मेलन’ के दौरान चर्चा मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में मजबूत एमएसएमई इकोसिस्टम के निर्माण तथा आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत को प्रतिस्पर्धी एवं सस्टेनेबल बनाने के लिए राज्य के एमएसएमई के सशक्तिकरण के विषय पर केंद्रित थी।
लोकसभा के माननीय सांसद, श्री शंकर लालवानी ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। भारत में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए, श्री शंकर लालवानी ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल आधार की बात की जाए, तो कृषि के बाद एमएसएमई का ही स्थान आता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सिडबी की डिजिटलीकरण और क्लस्टर विकास कार्यक्रम जैसी पहलों ने मध्य प्रदेश में फार्मा तथा इंजीनियरिंग क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रगति में काफी मदद की है; और यह संस्थान अपनी पहलों के माध्यम से आने वाले समय में भी इसी तरह के अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देना जारी रखेगा।”
सिडबी के उप-प्रबंध निदेशक, श्री प्रकाश कुमार ने अपने मुख्य वक्तव्य में विभिन्न पहलों के माध्यम से एमएसएमई की विकास यात्रा में सिडबी द्वारा निभाई गई भूमिका को उजागर किया, साथ ही उन्होंने बैंक की ओर से प्रत्यक्ष ऋण की पूरी प्रक्रियाओं, ग्रीन फाइनेंस, वेंचर कैपिटल आदि के डिजिटलीकरण के विषय पर भी चर्चा की।
श्री प्रकाश कुमार, डीएमडी, सिडबी ने इंदौर में एमएसएमई क्षेत्र के विकास के पहलू के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा, “इंदौर में फार्मा और इंजीनियरिंग के क्षेत्र सिडबी द्वारा जल्द ही एक क्लस्टर विकास कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। दो साल के इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग संघों के माध्यम से सभी हितधारकों को एकजुट करने के साथ-साथ इन क्लस्टरों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आवश्यक चुनौतियों और हस्तक्षेपों की पहचान करना है। नीतिगत समर्थन हेतु आवश्यक प्रयासों के साथ-साथ पहचाने गए हस्तक्षेपों के लिए सिडबी द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “सिडबी राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है, साथ ही हमने उद्योग मंत्रालय में परियोजना प्रबंधन इकाइयों की स्थापना की है, जिससे एमएसएमई के लिए राज्य सरकार की नीतियों को आकार देने में मदद मिल रही है। इसके अलावा, हमने विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत उद्यम स्थापित करने और ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया में सूक्ष्म उद्यमों को सहायता एवं सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के 37 जिलों में स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र (एससीके) भी लॉन्च किए हैं।”
सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक, श्री रवि त्यागी ने सिडबी की भूमिका के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने इस क्षेत्र में वेंचर कैपिटल, ग्रीन फाइनेंस और अन्य सुविधाओं के ज़रिये वित्तीय सहायता की पहुँच में सुधार के लिए सिडबी द्वारा किए गए विभिन्न डिजिटल हस्तक्षेपों को स्पष्ट किया। इसके अलावा, उन्होंने उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म की कामयाबी पर भी प्रकाश डाला, जिसके माध्यम से अनौपचारिक उद्यम औपचारिक बनने के लिए पंजीकरण कर रहे हैं। श्री त्यागी ने छोटे उद्यमों के लिए बाजार तक पहुँच को सुगम बनाने में ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) की भूमिका के साथ-साथ ऊपर बताए गए उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में सिडबी की भूमिका पर भी चर्चा की।
सिडबी के महाप्रबंधक, श्री अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश राज्य में ऋण एवं विकास के संबंध सिडबी की विभिन्न पहलों पर चर्चा की, साथ ही एमएसएमई इकोसिस्टम के विकास के लिए बातचीत करने/भागीदारी के लिए विभिन्न हितधारकों को आमंत्रित किया।
पैनल के अन्य गणमान्य वक्ताओं में श्रीमती ममता बाकलीवाल, सह-संस्थापक एवं सीटीओ, एम्पावर इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस; श्री अक्षत चोर्डिया, उपाध्यक्ष, सीआईआई मालवा ज़ोन तथा प्रबंध निदेशक, रिनी लाइफसाइंसेज; श्री अंकुर फडनीस, संस्थापक, फीडिफाई; श्री कीर्ति जोशी, सह-संस्थापक, इन्फोफीट और सीईओ, एक्साटिप टेक्नोलॉजीज भी शामिल थे।
सिडबी एमएसएमई सम्मेलन उभरते स्थानीय एमएसएमई परिदृश्य को स्वीकार करते हुए सभी प्रतिभागियों/हितधारकों के लिए ज्ञानवर्धक चर्चाओं, जानकारी के आदान-प्रदान सत्रों, नेटवर्किंग, विभिन्न अवसरों एवं समाधानों की पहचान आदि में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले प्रत्येक सम्मेलन का अपना दायरा होगा, जिसमें भारत के एमएसएमई इकोसिस्टम को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और भविष्य के लिए तैयार बनाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।